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भारत में जलविद्युत परियोजनाएँ: एक विस्तृत विश्लेषण 2024

Hydroelectric power in India
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Hydroelectric power in India   स्वच्छ और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों में एक प्रमुख भूमिका निभाती हैं। भारत में जलविद्युत परियोजनाएँ नदियों और जलाशयों में संग्रहीत पानी का उपयोग करके बिजली पैदा करती हैं। यह न केवल ऊर्जा की मांग को पूरा करती है बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी महत्वपूर्ण योगदान देती है।

जलविद्युत परियोजनाओं की उपयोगिता:

Hydroelectric power in India की उपयोगिता इस प्रकार है:

पर्यावरणीय लाभ: जलविद्युत परियोजनाएँ ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करती हैं, जिससे पर्यावरण में प्रदूषण नहीं होता। ये परियोजनाएँ कोयले और गैस से चलने वाले बिजली संयंत्रों की तुलना में पर्यावरण के लिए अधिक अनुकूल हैं।

स्थिर ऊर्जा स्रोत: जलविद्युत परियोजनाएँ निरंतर और स्थिर बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करती हैं, जो ऊर्जा स्थिरता बनाए रखने में मदद करती है।

कृषि के लिए लाभकारी: जलविद्युत परियोजनाओं के कारण बने जलाशयों के पानी का उपयोग सिंचाई के लिए किया जा सकता है, जिससे कृषि उत्पादन बढ़ता है।

रोजगार के अवसर: जलविद्युत परियोजनाओं के निर्माण और संचालन से स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिलते हैं, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होता है।

बाढ़ नियंत्रण: जलाशयों के निर्माण से बाढ़ की समस्या को नियंत्रित करने में मदद मिलती है, जिससे निचले इलाकों में बाढ़ का प्रभाव कम होता है।

जलविद्युत परियोजनाओं के लाभ : Benefits of hydroelectric energy

स्वच्छ ऊर्जा: जलविद्युत परियोजनाएँ नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत हैं, जो पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुँचाती हैं और स्वच्छ ऊर्जा प्रदान करती हैं।

दीर्घकालिक स्थायित्व: जलविद्युत संयंत्र कई दशकों तक बिजली का उत्पादन करने में सक्षम हैं, जो इसे एक स्थायी ऊर्जा स्रोत बनाता है।

न्यूनतम परिचालन लागत: एक बार निर्माण हो जाने के बाद, जलविद्युत परियोजनाओं की परिचालन लागत अन्य ऊर्जा स्रोतों की तुलना में कम होती है।

बिजली आपूर्ति की स्थिरता: जलविद्युत परियोजनाएँ निरंतर और स्थिर बिजली आपूर्ति प्रदान करती हैं, जिससे ऊर्जा संकट का समाधान होता है।

कृषि और मत्स्य पालन: जलाशयों का पानी सिंचाई और मत्स्य पालन के लिए भी उपयोगी है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक विकास होता है।

जलविद्युत परियोजनाओं के नुकसान : Disadvantages of hydroelectric projects

पर्यावरणीय प्रभाव: जलविद्युत परियोजनाओं के निर्माण से पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, जैसे वन्यजीवों के आवास का विनाश और वनस्पति का नुकसान।

उच्च प्रारंभिक लागत: जलविद्युत परियोजनाओं के निर्माण की प्रारंभिक लागत बहुत अधिक होती है, जो कई बार परियोजना के वित्तीय संसाधनों को चुनौती देती है।

स्थानांतरण की समस्या: जलाशयों के निर्माण से लोगों को अपने घर और ज़मीन छोड़कर कहीं और बसने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है, जिससे सामाजिक और आर्थिक समस्याएँ पैदा हो सकती हैं।

भूगर्भीय प्रभाव: जलाशयों के निर्माण से भूकंप का खतरा बढ़ सकता है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां भूकंपीय गतिविधियां आम हैं।

जलवायु परिवर्तन का प्रभाव: जलवायु परिवर्तन के कारण नदियों में जल स्तर में कमी आ सकती है, जिससे बिजली उत्पादन भी कम हो सकता है।

Benefits of hydroelectric energy

भारत में प्रमुख जलविद्युत परियोजनाएँ : Major hydroelectric dams in India

भारत में कई प्रमुख जलविद्युत परियोजनाएँ हैं जो देश की बिजली आपूर्ति में महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं। कुछ प्रमुख परियोजनाएँ इस प्रकार हैं:

टिहरी बाँध (उत्तराखंड): यह एशिया का सबसे ऊँचा बाँध है और इसकी उत्पादन क्षमता 2400 मेगावाट है।

बखरा नांगल परियोजना (हिमाचल प्रदेश और पंजाब): यह परियोजना सतलुज नदी पर स्थित है और इसकी उत्पादन क्षमता 1325 मेगावाट है।

सरदार सरोवर बाँध (गुजरात): यह नर्मदा नदी पर स्थित है और इसकी उत्पादन क्षमता 1450 मेगावाट है।

नाथपा झाकरी बाँध (हिमाचल प्रदेश): यह सतलुज नदी पर स्थित है और इसकी उत्पादन क्षमता 1500 मेगावाट है।

कोयना जलविद्युत परियोजना (महाराष्ट्र): यह पश्चिमी घाट में स्थित है और इसकी उत्पादन क्षमता 1960 मेगावाट है।

Renewable energy sources in India के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत क्या हैं?

नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत वे हैं जो प्राकृतिक रूप से पुनर्जीवित होते हैं, जैसे सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, जलविद्युत ऊर्जा और जैव ऊर्जा।

भारत में नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों का क्या महत्व है?

नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत पर्यावरण को प्रदूषण से बचाने और ऊर्जा की मांग को संधारणीय तरीके से पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। भारत में इनका उपयोग तेजी से बढ़ रहा है।

भारत में जलविद्युत ऊर्जा क्या है?

नदियों और जलाशयों में संग्रहीत पानी का उपयोग करके जलविद्युत ऊर्जा उत्पन्न की जाती है। यह एक स्वच्छ और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत है।

भारत में जलविद्युत परियोजनाओं का क्या महत्व है?

जलविद्युत परियोजनाएं भारत में ऊर्जा की मांग को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं और पर्यावरण संरक्षण में भी मदद करती हैं।

जलविद्युत ऊर्जा के प्रमुख लाभ क्या हैं?

जलविद्युत ऊर्जा स्वच्छ, नवीकरणीय और पर्यावरण के अनुकूल है। इसके अलावा, इसकी परिचालन लागत कम है और यह लंबे समय तक ऊर्जा प्रदान करती है।

जलविद्युत ऊर्जा का उपयोग पर्यावरण की सुरक्षा कैसे करता है?

जलविद्युत ऊर्जा ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करती है, जिससे पर्यावरण को प्रदूषण से बचाया जा सकता है और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम किया जा सकता है।

भारत का सबसे बड़ा जलविद्युत बांध कौन सा है?

भारत का सबसे बड़ा जलविद्युत बांध टिहरी बांध है, जो उत्तराखंड में स्थित है और इसकी उत्पादन क्षमता 2400 मेगावाट है।

सरदार सरोवर बांध कहाँ स्थित है और इसकी उत्पादन क्षमता कितनी है?

सरदार सरोवर बांध गुजरात में नर्मदा नदी पर स्थित है और इसकी उत्पादन क्षमता 1450 मेगावाट है।

निष्कर्ष

Hydroelectric power  भारत के लिए एक महत्वपूर्ण ऊर्जा स्रोत हैं। ये परियोजनाएँ न केवल स्वच्छ और नवीकरणीय ऊर्जा प्रदान करती हैं, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक-आर्थिक विकास में भी योगदान देती हैं। हालाँकि, इनके निर्माण और संचालन के दौरान आने वाली चुनौतियों को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता। सतत विकास के लिए जलविद्युत परियोजनाओं की उचित योजना और विकास आवश्यक है।